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Gen Z और फाइनेंशियल प्लानिंग का नया युग – अब सोच समझकर खर्च करने का समय है!
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी सैलरी आती कहां है और जाती कहां है?
Gen Z स्मार्ट और डिजिटल है, लेकिन फाइनेंशियल अवेयरनेस में थोड़ी कमी दिखती है। इसी कमी को समझना और उसे दूर करना अब हमारी ज़िम्मेदारी है।
Gen Z के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग क्यों जरूरी है?
1. जॉब मार्केट में अनिश्चितता
- फ्रीलांसिंग और कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड काम
- स्थिर इनकम का अभाव
- बैकअप फंड की जरूरत
2. डिजिटल खर्च की आदतें
- UPI, BNPL, EMI की सुविधा
- कर्ज़ का जोखिम बढ़ता है
3. फाइनेंशियल फ्रीडम की चाहत
- जल्दी रिटायरमेंट की प्लानिंग
- इन्वेस्टमेंट के बिना असंभव
शुरुआत कहां से करें? (व्यावहारिक कदम)
1. आसान बजट बनाएं
- 50-30-20 रूल अपनाएं
- बजटिंग ऐप्स का उपयोग करें
2. इमरजेंसी फंड बनाएं
- 3-6 महीने की इनकम का बैकअप
- अलग सेविंग अकाउंट में रखें
3. निवेश की शुरुआत करें
- SIP से शुरुआत करें (₹500 से)
- Index Funds और ELSS पर रिसर्च करें
4. इंश्योरेंस लेना न भूलें
- हेल्थ और टर्म प्लान जरूरी
- ये सुरक्षा है, निवेश नहीं
Gen Z की आम गलतियां
क्रेडिट कार्ड को मुफ्त पैसा समझना
- टाइम पर भुगतान करें
- उधार को कंट्रोल में रखें
“बाद में देखेंगे” वाली सोच
- आज की योजना कल के लिए फायदा
बिना रिसर्च के निवेश
- खुद रिसर्च करें, ट्रेंड पर न भागें
सच्ची कहानी से सीख
मेरे दोस्त ने 22 की उम्र में SIP शुरू की – अब वो ₹1.2 लाख से ज्यादा फंड बना चुका है। मैंने देर की, लेकिन अब पीछे नहीं मुड़ रहा।
निष्कर्ष
Gen Z को आज से फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर कदम बढ़ाना चाहिए – क्योंकि ये सिर्फ ट्रेंड फॉलो नहीं करते, ट्रेंड बनाते हैं।
अब आपकी बारी है!
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